रविवार 29 जून 2025 - 07:31
शरई अहकाम । इमाम हुसैन (अ) की अज़ादारी मे अधिक पैसा खर्च करने की वसीयत का हुक्म

हौज़ा / आयतुल्लाह मकारिम शीराज़ी से यह पूछा गया कि अगर किसी ने बहुत सारा पैसा इमाम हुसैन (अ) की याद में होने वाली अज़ादारी के लिए वसीयत किया हो, तो उस पैसे को कैसे और किस तरह खर्च किया जाए?

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, आयतुल्लाह मकारिम शीराज़ी से यह पूछा गया कि अगर किसी ने बहुत सारा पैसा इमाम हुसैन (अ) की याद में होने वाली अज़ादारी के लिए वसीयत किया हो, तो उस पैसे को कैसे और किस तरह खर्च किया जाए?
इस बारे में आयतुल्लाह मकारिम शीराज़ी ने जवाब दिया है, जिसे आपके सामने पेश किया जा रहा है।

* इमाम हुसैन (अ) की अज़ादारी मे अधिक पैसा खर्च करने की वसीयत का हुक्म

प्रश्न: अगर किसी व्यक्ति ने वसीयत की है कि उसका पैसा इमाम हुसैन (अ.स.) की अज़ादारी मे खर्च किया जाए, लेकिन वह रकम इतनी ज्यादा है कि अगर उसे एक ही बार में अज़ादारी में खर्च किया जाए तो वह इसराफ होगा, तो क्या ऐसी स्थिति में वह पैसा बैंक में रखा जा सकता है और कुछ समय में उसकी असली रकम और उस पर मिलने वाला ब्याज/मुनाफा अज़ादारी के काम में खर्च किया जा सकता है?

उत्तरः अगर वसीयत में खर्च करने की समय-सीमा का उल्लेख नहीं किया गया है, तो मृतक की संपत्ति से वह खर्च एक या दो महीने के भीतर धीरे-धीरे मजलिस में किया जा सकता है। लेकिन अगर इससे ज्यादा समय लग रहा है, तो उस खर्च को ऐसी अन्य मजलिसों में खर्च कर देना चाहिए जो उसी तरह की हों, जैसी वसीयत में बताई गई है। मृतक की संपत्ति को इससे ज्यादा समय तक रोके नहीं रखना चाहिए।

स्रोत: www.ahkam.makarem.ir

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